गठबंधन में शामिल सभी पार्टियां मुसलमानों की आबादी के हिसाब से लोकसभा प्रत्याशी बनाए

बरेली ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने तमाम राजनीतिक पार्टियों खास कर गठबंधन में शामिल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा है कि मुसलमानो के कंधों पर सवार होकर वोट बैंक की राजनीति करने वाली राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों को उनकी आबादी के हिसाब से लोकसभा में प्रत्याशी के तौर पर मुसलमानों को टिकट दें, राजनीतिक पार्टियों की अनदेखी मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा, इसलिए की अब मुसलमान सियासी और समाजी तौर पर जागरूक हो गया है, अपने अच्छे और बुरे व भले की उसको समझ आ गई है। खास तौर पर उत्तर प्रदेश में अक्सर ये देखा गया है की जिनकी आबादी 6 फीसद है समाजवादी पार्टी उस बिरादरी से सम्बन्ध रखने वाले लोगों को सबसे ज्यादा टिकट देती है, और दूसरी तरफ सबसे बड़ी आबादी जिसका वोट प्रतिशत 22 फीसद है उसको सपा सबसे कम टिकट देती है मगर अब हम ऐसा नहीं होने देंगें।

मौलाना ने कहा समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव इन बातों का ध्यान रखते थे और हर आबादी के हिसाब से विधानसभा और लोकसभा में टिकटो का वितरण करते थे मगर जब से समाजवादी पार्टी का नेतृत्व अखिलेश यादव करने लगे तब से सपा ने अपनी सोच में काफी हद तक बदलाव पैदा किया है, अखिलेश यादव नर्म हिंदूत्व की लाइन पकड़ कर चल रहे हैं, यही वजह है कि हर चुनाव में उनको हार का मुंह देखना पड़ रहा है, मुलायम सिंह ने कभी भी नर्म हिंदूत्व की तरफ कदम नहीं बढ़ाया जिसकी वजह से उनको कामयाबी मिलती रही है।

मौलाना ने आगे कहा कि सपा ने मुसलमानों को सिर्फ एक वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया, मुसलमानों के लिए बुनियादी तौर पर कोई काम नहीं किया, जब अखिलेश यादव की सत्ता रही मुसलमानों ने इनको मुख्यमंत्री बनाया इन्होंने अपने दौरे इख्तदार में मुसलमानो की तरफ से मुंह फेर लिया, नौकरियों में मुस्लिम नौजवानों को जगह नहीं दी गई, मदरसों की मान्यताएं बंद की गई और पूरे 5 साल के शासनकाल में किसी भी एक मदरसे को अनुदान सूची में नहीं लिया गया। इसी तरह और बहुत सारे मुद्दे ऐसे हैं जिसमें अखिलेश यादव ने मुस्लिम नौजवानों को नजरअंदाज किया है।

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