दुधमुहे बच्चो के सिर से मां का साया छीन लेता वो तो गनीमत रही समय पर डीएम ने खुद मोर्चा संभाला।

बस्ती जिला महिला अस्पताल में बीती रात अफरा तफरी मच गई, अस्पताल के वार्डों में भर्ती 40 से ज्यादा प्रसूता महिलाएं अचानक एक एक कर तड़पने लगी, किसी को बुखार, किसी को उल्टी, किसी की सांस फूलने लगी तो किसी को झटका आने लगा, प्रसूता महिलाओं की चीख पुकार के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया, सिविल ड्रेस में नर्स ने इन महिलाओं को इंजेक्शन लगाया था जिसके बाद अचानक महिलाए एक एक कर बीमार पड़ने लगी, सभी प्रसूताओं को एक ही इंजेक्शन लगाया गया था। सरकारी अस्पतालों में लापरवाही का ऐसा खौफनाक मंजर शायद ही कभी देखने को मिला हो, प्रसूति महिलाओं के साथ इस तरह की लापरवाही न जाने कितने ही दुधमुहे बच्चो के सिर से मां का साया छीन लेता, वो तो गनीमत रही समय पर डीएम ने खुद मोर्चा संभाल लिया, वरना अस्पताल के सभी स्टाफ गायब हो गए थे।

जिला महिला अस्पताल में आधी रात को उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब एक साथ वार्डो में एडमिट एक दो नहीं बल्कि 40 से अधिक मरीजों की जान पर आफत है और उनकी सांस फूलने लगी, अस्पताल में लोगो को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक ये क्या हो रहा, कुछ देर पहले नर्स ने सभी प्रसूति माओ को इंजेक्शन लगाया था, और उसके बाद ही भर्ती मरीजों को दिक्कत होने लगी, किसी मरीज का बीपी लो हो गया तो किसी की सांस फूलने लगी, तो किसी को तेज बुखार हो गया, अचानक एक साथ सैंकड़ों मरीजों को एक ही तरह के लक्षण दिखने के बाद हॉस्पिटल के जिम्मेदार इलाज करने के बजाय गायब हो गए, मरीजों का गुस्सा सातवें आसमान पर आ गया, मरीजों का आरोप है कि सरकारी अस्पताल होने की वजह से किसी की कोई सुनवाई नहीं होती है, मरीजों की हालत जब बिगड़ने लगी तो इमरजेंसी में न कोई डॉक्टर मिला और न कोई नर्स, काफी देर तक मरीज वार्डो में ही तड़प रही थी।

                       बस्ती डीएम रवीश गुप्ता

इस बात की जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन को हुई तो डीएम रवीश कुमार खुद लाव लश्कर के साथ जिला महिला अस्पताल पहुंचे और स्थिति को अंडर कंट्रोल किया।

डीएम रवीश गुप्ता से ने बताया कि अस्पताल कर्मियों द्वारा वार्ड में भर्ती सभी मरीजों को एक ही इंजेक्शन लगाया गया जो दर्द का था, इस के बाद सभी को दिक्कत होने लगी, एक साथ सभी मरीजों का बीमार होना अजीब बात है, जिसकी जांच की जा रही है, एक्सपायरी इंजेक्शन की बात सही नही है, जो सुई मरीजों को लगाए गए वो अभी सही है, मगर दवा में क्या दिक्कत रही जिस वजह से मरीजों को समस्या हुई इसके लिए वे जांच करवा रहे है,मरीजों का इलाज कराया गया जो अब खतरे के बाहर है, डॉक्टर सभी मरीजों का ट्रीटमेंट कर रहे है, कोई कोई मरीज गंभीर हालत में नहीं है।

रिपोर्ट अमृतलाल 

 

 

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