गोरखपुर नशा एक अभिशाप है यह एक ऐसी बुराई है जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है नशे के लिए समाज में आज रहन सहन और खानपान का दौर ही बदल गया है! नएपन को स्वीकारना और दिखावा करना एक जीवन पद्धति बन चुकी है!ऐसे में आधुनिकता के तमाम विकार परिलक्षित होने लगे हैं आजकल नशा एक आदत-सा बन चुका है जिसकी गिरफ्त में युवा अधिक हैं लड़के और कई लड़कियां भी इसके आदी हैं! इससे समझा जा सकता है कि नशे का शौक किस पीढ़ी तक और कहां तक पहुंच चुका है!परिदृश्य में जो ताजे बदलाव नजर आ रहे हैं उनमें कहीं न कहीं हमारी युवा पीढ़ी अधिक निमग्न है! बेढंगा खानपान और असंयमित जीवन के मायने आजकल आधुनिकता की पहचान बन चुके हैं!इसी फैशनपरस्ती में नशा एक अनिवार्य शर्त की तरह देखा जाने लगा है जिसकी होड़ युवाओं में नजर आती है! अगर विद्यार्थीयों के जीवन को नशे से नहीं बचाया गया तो आने वाली पीढ़ी न सिर्फ नशे की आदी होगी बल्कि मानसिक अवसाद से भी घिरी रहेगी जिसके दुष्परिणाम आसानी से समझा जा सकते हैं।
रिपोर्ट अभिषेक