अयोध्या स्वर्णाक्षरों से लिखने की बात केवल मुहावरा नहीं रही, इसे असलियत बनाकर दिखाया है एक पूर्व आईएएस अधिकारी और उनकी धर्मपत्नी ने। इनके अथक प्रयास से ताम्रपत्र पर उकेरे सोने के अक्षरों वाली रामायण को श्रीराम लला के साथ गर्भ गृह में रखा गया है। इस तरह जन्मदिन पर राम लला को मिलने वाले उपहारों में एक और अनुपम नगीना जुड़ गया है।
मध्यप्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी सुब्रमण्यम लक्ष्मी नारायणन और उनकी पत्नी सरस्वती काफी दिनों से स्वर्णाक्षरों वाली रामायण की तैयारी और उसको राम लला के पास नवमी से पहले पहुंचाने के प्रयास में लगे थे। इस संबंध में कई बार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय और अन्य संबंधित लोगों से मुलाकात कर चुके थे। उनका आग्रह था कि नवरात्र के प्रथम दिन रामायण गर्भगृह में पहुंच जाय।
आखिरकार उनका निवेदन स्वीकार हुआ और 25-25 पन्नों की अलग-अलग पैकिंग में भारी भरकम ताम्रपत्र पर सोने से लिखा यह डेढ़ कुंटल वजनी धातु ग्रंथ राममंदिर पहुंचाया गया और वहीं नवरात्र की पूर्व रात्रि में बाइडिंग की गई और पूर्व निर्धारित समय पर गर्भगृह में स्थापित किया गया। अब श्रद्धालुओं को सोने की इस अद्वितीय रामायण का भी दर्शन प्राप्त हो रहा है।